FATHER OF MICROBIOLOGY
आज हम आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से 19 वी शताब्दी के ऐसे महान वैज्ञानिक के बारे बताने जा रहे है जिन्होंने अपनी अविष्कार और खोजो से मानव जीवन की सेवा की. उस महान वैज्ञानिक को पुरे विश्व में लोग Louis Pasteur नाम से जानते है। जिन्होंने अपनी महान खोजो और शोधो की मदद से कई जानलेवा बीमारियों का इलाज का पता लगाया और लोगो को उन लाइलाज रोगो से मुक्ति दिलाने में सहायता की। चलिए दोस्तों आज महान वैज्ञानिक के जीवन और उनके द्वारा किये अविष्कारों और खोजो पर एक नजर डालते है.
Louis Pasteur की कहानी
Louis Pasteur का जनम 17 दिसंबर 1822 को फ्रांस में हुआ था। उनके पिता की माली हालत इतनी अच्छी नहीं थी ,गरीबी होने के बावजूद उनके पिता की बहुत इच्छा थी की उनका पुत्र पढ़ लिख कर एक काबिल इंसान बन सके इसके लिए वो क़र्ज़ का बोझ भी उठाने के लिए तैयार थे । Louis Pasteur जाने से पहले अपने पिता के काम मदद किया करते थे. अपने पिता की इच्छा को पूरी करने के लिए Louis Pasteur गांव की ही एक स्कूल में प्रवेश ले लिया लेकिन पढाई लिखे के सिद्धांत उनकी समझ में न आ सके जिसके कारण वो बहुत परेशान से रहने लगे.
अध्यापको एवं सहपाठियो के लगातार उपेक्षित होने के कारन उन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया और कुछ ऐसा करने की ठान लिया जिससे वो खुद को दुनिया के सामने साबित कर सके. Louis Pasteur अधिक रूचि रसायन विज्ञान में थी ,अपने पिता के अधिक दबाव डेल जाने पर वो उच्च शिक्षा ग्रहण करने पेरिस के कॉलेज में अध्ययन करने लगे। Louis Pasteur विज्ञानं के महान ज्ञाता डॉक्टर ड्यूमा से बहुत अधिक प्रभावित थे और उनके द्वारा लिखित एवं प्रकशित लेखो का बहुत गहनता से अध्ययन किया करते थे.
26 वर्ष की आयु में रसायन विज्ञान में विशेष उपाधि ग्रहण करने के बाद उनहोंने भौतिक विज्ञान का अध्ययन करना प्रारम्भ कर दिया. जिसके पश्चात् उनको विज्ञानं विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जिसके बाद उन्होंने अनुसन्धान कार्यो में विशेष रूचि दिखाना आरम्भ कर दिया.
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Louis Pasteur की सबसे महतवपूर्ण खोजो में से, एक जानवरो के काटने पर उनके विष को कम करने के लिए बनाई गयी दवाई को माना जाता है क्युकी उन्होंने अपने पैतृक गांव में कई लोगो को पागल भेड़िये के काटने पर उसके विष से कई लोगो को दर्दनाक मोत मरते हुए देखा था .
Louis Pasteur ने अपने कौशल को और निखारने के लिए अपने शिक्षा काल में एक रासायनिक प्रयोगशाला में काम करना शुरू कर दिया था जहा पर उन्होंने कई प्रकार के अध्ययन किये।
FATHER OF MICROBIOLOGY Louis Pasteur की खोजे अथवा आविष्कार
Louis Pasteur ने मदिरा के ऊपर जहां अध्ययन किया उनहोंने इस बात पर विशेष रूप से ध्यान दिया की, आखिरकार मदिरा का कुछ समय पश्चात् खट्टा का क्या कारण है उन्होंने प्रयोगशाला में पता लगाया अगर मदिरा को 30 से 40 मिनट तक 60 सेंटीग्रेड तक गरम किया जाता तो उसमे मौजूद जीवाणु जिसके कारण मदिरा खट्टी हो जाती है ,वो जीवाणु अधिक ताप मिलने के कारण नष्ट हो जाता हैं। इस परिक्षण के सफल होने के बाद उन्होंने यही परीक्षण दूध पर भी किया, जिससे उन्होंने दूध को मीठा और शुद्ध बनाया. इस सिद्धांत को पाश्चराइजेशन के नाम से भी जानते है और इस प्रकिर्या को समस्त विश्व में दूध को शुद्ध करने के लिए किया जाता है.
FATHER OF MICROBIOLOGY Contributions and Achievements LOUIS PASTEUR की उपलब्धिया
1. Fermentation
2. Pasteurization
3. Spontaneous Generation
4. Germ theory of disease
5. Vaccines development (Fowl,cholera , anthrax, rabies )
FATHER OF MICROBIOLOGY फेरमेंटशन (Fermentation)
1854 में Louis Pasteur ने फेरमेंटशन का अध्ययन करना शुरू कर दिया था, उन्होंने अपने अध्ययन में पता लगा की हर फेरमेंटशन के पीछे एक जीवित माइक्रो ऑर्गैनिस्म का हाथ होता है।
जहां अध्ययन करने बाद वो इस नतीजे पर पहुंचे कि एक जीवित कोशिका जिसको यीस्ट भी कहा जाता है ये कोशिका शुगर के कार्बोहायड्रेट से अल्कोहल को निकालने में सहायक होती है।
Louis Pasteur की इस खोज से पहले लोगो इस प्रोसेस के बारे में गलत धरना थी, लोग अनुमान लगते थे इस प्रकिर्या का कारण कुछ रासायनिक अभिकिर्या एवं अभिक्रया से उत्पन्न होने वाले अंजीमेंस के कारण ऐसा होता है।
इस शोध के बाद Louis Pasteur ने फेरमेंटशन को लेकर और कई सत्य बताये जोकि आज हम ,बियर ,वाइन ,सिरका के रूप में जानते है। 1865 में Louis Pasteur ने अपने इस शोध को दोबारा इस्तेमाल किया. डिजीज पफ वाइन के खिलाफ लड़ने में ,इस तरह Louis Pasteur फेरमेंटशन के द्वारा उद्योग जगत में एक क्रांति लेकर आये.
पाश्चराइजेशन (Pasteurization)
पाश्चराइजेशन का शोध Louis Pasteur के सबसे प्रमुख एवं प्रसिद्ध शोधो में से एक है, उन्होंने पता लगाया की एक खास प्रकार का माइक्रो ऑर्गैनिस्म किसी पाय जैसे दूध को अशुद्ध कर देता है।
तो उन्होंने एक नियत ताप पर दूध को गर्म किया, जिससे वो जीवित माइक्रो ऑर्गैनिस्म नष्ट हो गया और दूध शुद्ध और मीठा हो गया। दुग्ध उद्योग जगत आज भी इस प्रकिर्या को इस्तेमाल किया जाता ,है जिसको दूध पाश्चराइजेशन के नाम से जाना जाता है.
FATHER OF MICROBIOLOGY स्पोन्टानोस जनरेशन (Spontaneous Generation)
Louis Pasteur के समय में स्पोन्टानोस जनरेशन एक बहुत विवाद का विषय बना हुआ था, उन्होंने बताया की कैसे प्री लिविंग ऑर्गैनिस्म से लिविंग ऑर्गैनिस्म को डेवलप किया जा सकता है।
पहले ये धारणा बानी हुई थी की नॉन लिविंग ऑर्गैनिस्म से भी लिविंग ऑर्गैनिस्म डेवलप किये जा सकते है, मगर Louis Pasteur ने अपने शोध एवं अध्ययन से सिद्धांत को मिथ्या बताया और सिद्ध किया की केवल प्री लिविंग ऑर्गैनिस्म से ही लिविंग ऑर्गैनिस्म को डेवलप किया जा सकता है.
FATHER OF MICROBIOLOGY जर्म थ्योरी ऑफ़ डिजीज (Germ Theory Of Disease)
1865 में अपने फ़र्मन्टेशन के सिद्धांत के आधार पर Louis Pasteur ने रेशम उद्योग को बचाने की पहल की ,इसके पश्चात् उन्होंने जर्म थ्योरी ऑफ़ डिजीज का सिद्धांत लोगो के सामने रखा और बताया की कैसे किसी बीमारी को ख़तम करने के लिए कोई माइक्रो ऑर्गैनिस्म भी महतवपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मगर दूसरी और जर्म थ्योरी ऑफ़ डिजीज के जो विरोधी थे वो कहते थे जो शरीर में असंतुलन होता है। उसके कारण ये बीमारी होती है, इसके पश्चात् Louis Pasteur ने सिद्ध कर दिया की माइक्रोब्स कैसे एक स्वस्थ रेशम के अंडे को नुकसान पहुंचाते है और एक अबूझ बीमारी को जनम देते है।
वैक्सीन का विकास (Vaccine Development)
जब Louis Pasteur ने ATTINUATED माइक्रो ऑर्गैनिस्म को स्वस्थ ऑर्गैनिस्म में मिलाया तो उससे उन्होंने वैक्सीन का निर्माण किया। उनकी सबसे प्रसिद्ध वैक्सीन चिकन कॉलरा जैसी घातक बीमारी के रूप में जनि जाती है।
ये बीमारी बहुत ही घातक जानलेवा थी ,उस समय इस बीमारी से लाखो लोग अपनी जान गवा चुके थे. इस बात को ध्यान में रखकर महान वैज्ञानिक Louis Pasteur ने चिकन कॉलरा के बैक्टीरिया को आइसोलेट करके इसकी वैक्सीन का अविष्कार किया ,उन्होंने बीमार मुर्गी के माइक्रो ऑर्गैनिस्म को आइसोलेट किया और चिकन कॉलरा की वैक्सीन का निर्माण किया.
वैक्सीन फॉर एंथ्रेक्स , Louis Pasteur ने जानवरो जैसे भेड़ ,बकरी ,भैंस ,गाय में होने वाली बीमारी एंथ्रेक्स के लिए भी वैक्सीन का निर्माण किया. ये एक प्रकार का संक्रामक रोग था जिसका जानवरो से इंसानो में भी फैलने का भय बना रहता था.
जिसके कारण फ्रांस में लाखो की तादाद में पालतू जानवर अपनी जान गवा देते थे जिससे फ्रांस की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता था इससे समाधान के लिए लुइस ने बीमार माइक्रो ऑर्गैनिस्म को स्वस्थ जानवरो में इंजेक्ट किया जब बीमार ऑर्गैनिस्म स्वस्थ ऑर्गैनिस्म के संपर्क में आये तो वो स्वस्थ हो गए
और जीवन रक्षी बन गए इस प्रकार लुइस ने एंथ्रेक्स जैसे बीमारी का नाश किया, Louis Pasteur ने कुत्तो के काटने से होने वाली जान लेवा बीमारी रेबीज का भी वैक्सीन विकसित किया.FATHER OF MICROBIOLOGY LOUIS PASTEUR (माइक्रोबायोलॉजी के जनक LOUIS PASTEUR)
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